कानपुर नगर(नीरज शर्मा)सरकारी विभागों में कायदे और नियमों का किस प्रकार उल्लघंन किया जाता है यह किसी से छिपा नही है। यहां न तो कोई नियम चलता है और न ही कोई कायदा। आपसी सांठ-गांठ से बडे-बडे खेल होते है और जब इसका पर्दाफाश करने के लिए कोई जन साधारण शिकायत करता है तो उसपर दबाव बनाया जाता है। उसकी शिकायत पर ध्यान नही दिया जाता है तथा उसके द्वारा मांगी गयी जनसूचना को दबा दिया जाता है। कारण यह भी है कि पूरे खेल में नीचे से लेकर ऊपर तक सब लिप्त है। सरकारी विभागों में गलत नियुक्तियो का खेल कोई नया नही है। उल्टा सीधा करके आज कई लोग विभागों में कार्यरत है। इसी प्रकार एक मामले में जलसंस्थान कानपुर का मामला सामने आया है, जिसमें यहां काम करने वाला एक चपरासी प्रथम श्रेणी लिपिक बन बैठा है, जिसके सर्विस रूल के अनुकूल अवैधानिक चयन समिति गठन करके बिना लेखाकार परीक्षा उत्तीर्ण करके, बिना किसी अनुभव के पद को प्राप्त कर लिया है और गलत तरीके से उस पद का वेतन उठा रहा है। विभाग के आपसी सांठ-गांठ के कारण सरकार को आर्थिक छति भी पहुंच रही है। प्रदेश में योगी की सरकार भ्रष्टाचार दूर करने की बात तो कर रही है लेकिन सरकारी विभागों की जडो में वर्षो से जमा भ्रष्टाचार आखिर कब और कैसे समाप्त होगा यह कहा नही जा सकता है।कानपुर जल संस्थान में शिव कुमार सिंह पुत्र राम इकबाल सिंह निवासी ग्राम पोस्ट ह्रदय चक, माया कलेर जिला गया, राज्य बिहार सन् 1981 में सीवरसेल, नगर निगम में दैनिक वेतन पर कार्यरत था, सूत्रों की माने तो उस समय यह इण्टर भी पास नही था। इसके बाद सन् 1985 में नगर निगम से अलग हट कर जल संस्थान विभाग हुआ तब यह रेगुलर कर्मचारी हो गया लेकिन उसके बाद यह कब लिपिक सवर्ग में आ गया इसकी जानकारी किसी को नही है। वर्तमान में यह कर्मचारी यशोदा नगर में रहता है। वर्ष 2005 में मुख्य नगर लेखा परीक्षक नगर निगम ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने अपने पत्रांक दिनांक 6/11/2004 व 27/11/2014 को प्रभावी सेवा नियमावली सर्विस रूल के अनुसार नियुक्ति के सम्बन्ध में महाप्रबन्ध जल संस्थान को उल्लेख कर राय दी थी कि अर्हताधारी सक्षम कर्मचारियों को छोडकर करने से ऐसी स्थित में नियमों के प्रतिकूल उक्त की गयी सभी पदोन्नतियों, नियुक्तियां गलत वेतनमान को रिस्त की जा सकती है, क्यों कि नियमों के प्रतिकूल विभागीय कार्य विधिमान्य नही है वह शून्य है। अतः अधिकारी एसो अनाधिकृत पदोन्नति नियुक्ति के आदेश को निरस्त करने के लिए सक्षम है जैसा शासनादेश में उल्लेख है ताकि विभाग में आपस के कर्मचारियों का असंतोष का कारण पनपन सके। यह भी कहा गया था कि गलत नियुक्ति के कारण कार्यावधि के अंत में पेंशन एवं आपादान के निस्तारण में बाधा उत्पन्न होगी। वहीं सूत्रो का कहना है कि शिवकुमार चतुर्थकर्मचारी दैनिक वेतनभोगी था और वर्तमान में प्रथम श्रेणी लिपिक बना बैठा है जिसकी शिकायत पूर्व में राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश नत्थू सिंह(एग्रो) अध्यक्ष, विधायक अजय कपूर, विधायक हाजी मुस्ताक सोंलकी द्वारा व विभागीय कर्मचारी बिल श्रीकांत शुक्ला द्वारा महाप्रबन्धक/अध्यक्ष (महापौर) जल संस्थान कानपुर व मण्डलायुक्त (अध्यक्ष आडिट) के साथ ही प्रशासन व शासन तक की गयी थी। इसके उपरान्त शिकायत पर आरटीआई कार्यकर्ता अमित बाजपेई ने जनसूचना अधिकार के अन्तर्गत होने वाली कार्यवाही की जानकारी के लिए पत्र भी प्रेषित किया गया लेकिन अभी तक न तो कोई इस अवैध रूप से कार्यरत लिपिक के खिलाफ कार्यवाही की गयी और न ही जनसूचना अधिकारपत्र का कोई जवाब ही दिया गया।
Wednesday, 29 November 2017
दैनिक भोगी कर्मचारी बन बैठा प्रथमश्रेणी लिपिक
कानपुर नगर(नीरज शर्मा)सरकारी विभागों में कायदे और नियमों का किस प्रकार उल्लघंन किया जाता है यह किसी से छिपा नही है। यहां न तो कोई नियम चलता है और न ही कोई कायदा। आपसी सांठ-गांठ से बडे-बडे खेल होते है और जब इसका पर्दाफाश करने के लिए कोई जन साधारण शिकायत करता है तो उसपर दबाव बनाया जाता है। उसकी शिकायत पर ध्यान नही दिया जाता है तथा उसके द्वारा मांगी गयी जनसूचना को दबा दिया जाता है। कारण यह भी है कि पूरे खेल में नीचे से लेकर ऊपर तक सब लिप्त है। सरकारी विभागों में गलत नियुक्तियो का खेल कोई नया नही है। उल्टा सीधा करके आज कई लोग विभागों में कार्यरत है। इसी प्रकार एक मामले में जलसंस्थान कानपुर का मामला सामने आया है, जिसमें यहां काम करने वाला एक चपरासी प्रथम श्रेणी लिपिक बन बैठा है, जिसके सर्विस रूल के अनुकूल अवैधानिक चयन समिति गठन करके बिना लेखाकार परीक्षा उत्तीर्ण करके, बिना किसी अनुभव के पद को प्राप्त कर लिया है और गलत तरीके से उस पद का वेतन उठा रहा है। विभाग के आपसी सांठ-गांठ के कारण सरकार को आर्थिक छति भी पहुंच रही है। प्रदेश में योगी की सरकार भ्रष्टाचार दूर करने की बात तो कर रही है लेकिन सरकारी विभागों की जडो में वर्षो से जमा भ्रष्टाचार आखिर कब और कैसे समाप्त होगा यह कहा नही जा सकता है।कानपुर जल संस्थान में शिव कुमार सिंह पुत्र राम इकबाल सिंह निवासी ग्राम पोस्ट ह्रदय चक, माया कलेर जिला गया, राज्य बिहार सन् 1981 में सीवरसेल, नगर निगम में दैनिक वेतन पर कार्यरत था, सूत्रों की माने तो उस समय यह इण्टर भी पास नही था। इसके बाद सन् 1985 में नगर निगम से अलग हट कर जल संस्थान विभाग हुआ तब यह रेगुलर कर्मचारी हो गया लेकिन उसके बाद यह कब लिपिक सवर्ग में आ गया इसकी जानकारी किसी को नही है। वर्तमान में यह कर्मचारी यशोदा नगर में रहता है। वर्ष 2005 में मुख्य नगर लेखा परीक्षक नगर निगम ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने अपने पत्रांक दिनांक 6/11/2004 व 27/11/2014 को प्रभावी सेवा नियमावली सर्विस रूल के अनुसार नियुक्ति के सम्बन्ध में महाप्रबन्ध जल संस्थान को उल्लेख कर राय दी थी कि अर्हताधारी सक्षम कर्मचारियों को छोडकर करने से ऐसी स्थित में नियमों के प्रतिकूल उक्त की गयी सभी पदोन्नतियों, नियुक्तियां गलत वेतनमान को रिस्त की जा सकती है, क्यों कि नियमों के प्रतिकूल विभागीय कार्य विधिमान्य नही है वह शून्य है। अतः अधिकारी एसो अनाधिकृत पदोन्नति नियुक्ति के आदेश को निरस्त करने के लिए सक्षम है जैसा शासनादेश में उल्लेख है ताकि विभाग में आपस के कर्मचारियों का असंतोष का कारण पनपन सके। यह भी कहा गया था कि गलत नियुक्ति के कारण कार्यावधि के अंत में पेंशन एवं आपादान के निस्तारण में बाधा उत्पन्न होगी। वहीं सूत्रो का कहना है कि शिवकुमार चतुर्थकर्मचारी दैनिक वेतनभोगी था और वर्तमान में प्रथम श्रेणी लिपिक बना बैठा है जिसकी शिकायत पूर्व में राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश नत्थू सिंह(एग्रो) अध्यक्ष, विधायक अजय कपूर, विधायक हाजी मुस्ताक सोंलकी द्वारा व विभागीय कर्मचारी बिल श्रीकांत शुक्ला द्वारा महाप्रबन्धक/अध्यक्ष (महापौर) जल संस्थान कानपुर व मण्डलायुक्त (अध्यक्ष आडिट) के साथ ही प्रशासन व शासन तक की गयी थी। इसके उपरान्त शिकायत पर आरटीआई कार्यकर्ता अमित बाजपेई ने जनसूचना अधिकार के अन्तर्गत होने वाली कार्यवाही की जानकारी के लिए पत्र भी प्रेषित किया गया लेकिन अभी तक न तो कोई इस अवैध रूप से कार्यरत लिपिक के खिलाफ कार्यवाही की गयी और न ही जनसूचना अधिकारपत्र का कोई जवाब ही दिया गया।
दैनिक भोगी कर्मचारी बन बैठा प्रथमश्रेणी लिपिक
Reviewed by ADMIN
on
November 29, 2017
Rating: 5

Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a comment