कानपुर महानगर के नर्सिंग होम मौत की दुकानें
● शहर भर में धड़ल्ले से चल रहे बिना मानक के नर्सिंग होम
● चिकित्सा सेवाओं के नाम पर कुकुरमुत्तों की तरह खोले गये नर्सिंग होम
● शहर के सरकारी डॉक्टर बनें हैं इनकी बैक बोन
● झोला छाप डॉक्टरों की लापरवाही से हुई हैं इनमें कई मौतें
● मोटी रकम वसूलने के बाद भी "मौत" बाँट रहे यह नर्सिंग होम
कानपुर महानगर। (सर्वोत्तम तिवारी) समूचे कानपुर शहर में चिकित्सा सेवायें मुहैया कराने के नाम पर खोले गये नर्सिंग होम कहीं मौत की दुकान से कम नहीं हैं| इन नर्सिंग होमों में सरकारी डॉक्टर भी अपनी दुकान चलाते हैं| शहर के सरकारी डॉक्टर अपने ज्यादातर मरीज इन्हीं हॉस्पिटल में भेजते हैं और इनके मालिकान से पर विजिट अपनी फीस वसूलते हैं|
जहाँ ये सरकारी डॉक्टर इनकी बैक बोन हैं वहीं झोला छाप डॉक्टर इन मौत की दुकानों में मरीजों की जान से खेल रहे हैं|
कानपुर के इन प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली मरीजों की मौतें और जगह-जगह हुये बवाल व मरीजों के परिजनों द्वारा किये गये हंगामे किसी से छिपे नहीं हैं|
शहर के काकादेव, कल्यानपुर, आर्यनगर, स्वरूपनगर और दक्षिण में जगह-जगह खुले भारी तादात में नर्सिंग होम गरीबों की जेब में खुले आम डांका डाल रहे हैं| लेकिन बिना मानक के चल रहे इन नर्सिंग होमों पर किसी भी जिम्मेदार की निगाह नहीं पड़ती|
जानकर बताते हैं कि शहर की टॉप जगहों पर खोले गये बड़े-बड़े अस्पतालों को के0डी0ए0 अधिकारियों का भी वर्द्धस्त प्राप्त है| जिसके कारण इन मौत की दुकानों को बिना मानक चलाकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
● चिकित्सा सेवाओं के नाम पर कुकुरमुत्तों की तरह खोले गये नर्सिंग होम
● शहर के सरकारी डॉक्टर बनें हैं इनकी बैक बोन
● झोला छाप डॉक्टरों की लापरवाही से हुई हैं इनमें कई मौतें
● मोटी रकम वसूलने के बाद भी "मौत" बाँट रहे यह नर्सिंग होम
कानपुर महानगर। (सर्वोत्तम तिवारी) समूचे कानपुर शहर में चिकित्सा सेवायें मुहैया कराने के नाम पर खोले गये नर्सिंग होम कहीं मौत की दुकान से कम नहीं हैं| इन नर्सिंग होमों में सरकारी डॉक्टर भी अपनी दुकान चलाते हैं| शहर के सरकारी डॉक्टर अपने ज्यादातर मरीज इन्हीं हॉस्पिटल में भेजते हैं और इनके मालिकान से पर विजिट अपनी फीस वसूलते हैं|
जहाँ ये सरकारी डॉक्टर इनकी बैक बोन हैं वहीं झोला छाप डॉक्टर इन मौत की दुकानों में मरीजों की जान से खेल रहे हैं|
कानपुर के इन प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली मरीजों की मौतें और जगह-जगह हुये बवाल व मरीजों के परिजनों द्वारा किये गये हंगामे किसी से छिपे नहीं हैं|
शहर के काकादेव, कल्यानपुर, आर्यनगर, स्वरूपनगर और दक्षिण में जगह-जगह खुले भारी तादात में नर्सिंग होम गरीबों की जेब में खुले आम डांका डाल रहे हैं| लेकिन बिना मानक के चल रहे इन नर्सिंग होमों पर किसी भी जिम्मेदार की निगाह नहीं पड़ती|
जानकर बताते हैं कि शहर की टॉप जगहों पर खोले गये बड़े-बड़े अस्पतालों को के0डी0ए0 अधिकारियों का भी वर्द्धस्त प्राप्त है| जिसके कारण इन मौत की दुकानों को बिना मानक चलाकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
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