कोतवाली पुलिस की करतूत
कानपुर(सर्वोत्तम तिवारी)के थाना कोतवाली क्षेत्र में दबंगो द्वारा चकेरी के जाजमऊ की महिला से मारपीट की गई थी| महिला ने डायल 100 पर शिकायत की थी| थानाध्यक्ष कोतवाली ने इस प्रकरण में जो उचित कार्यवाही की है वो किसी को हजम होने वाली नहीं है| थानाध्यक्ष कोतवाली ने महिला के बुलाने पर उसकी मदद को पहुँचे भाई के ऊपर ही और आरोपियों की तरफ से एक निर्दोष व्यक्ति के पर शांति भंग की कार्यवाही की है और पीड़ित महिला के मामले को दबा दिया| जबकि महिला का कहना था कि जिस बन्दे ने हमें बीच चौराहे मारा है वो रात भर थाने में क्यों नही बैठा| आरोपियों की तरफ से किसी अन्य को थाने में बैठाया जाना चकेरी थाना की जाजमऊ चौकी शिव गोदावरी चौकी इंचार्ज देव नारायण द्विवेदी की चाल है|जिस बन्दे को कल कोतवाली में बैठाया गया है उसकी तरफ से कोतवाली थाने पहुंची मुहल्ले की महिलाओं ने पीड़ित महिला से कोतवाली थाने के अंदर मारपीट करने की कोशिश की थी| उनका कहना था निर्दोष को क्यों फँसाया|जबकि पीड़ित महिला का कहना था कि यह बन्दा पुलिस जाजमऊ चौकी इंचार्ज देवनारायण द्विवेदी कहने पर पकड़ कर लायी थी| पीड़ित महिला से महिलायें बार बार ये भी कह रहीं थी कि यह जो आज कोतवाली में बैठा है जानती हो कौन है इसकी रिस्तेदारी या रिलेशन किसी बड़े अधिकारी से हैं| महिलायें बार बार अकेली पीड़ित महिला को धमकी दे रहीं थीं अब पता चलेगा तुझे|
शांति भंग में मुख्य आरोपी जिसने मारपीट की है उसको थाने न लेकर किसी अन्य को थाने लाना और शांति भंग की कार्यवाही करने में आरोपियों से मिले चौकी इंचार्ज जाजमऊ की कोई नई चाल तो नहीं|
सोंचने वाली बात ये है कि आखिर 3 4 से दर दर भटक रही इस महिला के मामले को किसी अधिकारी ने गंभीरता से क्यों नहीं लिया|
- बड़े चौराहे पर मारपीट करने वाले असली आरोपी को कोतवाली पुलिस ने क्यों नहीं बैठाया|
- महिला के पुराने मामले जिसपर आरोपियों ने मारपीट की उसपर ध्यान न देकर कोतवाली पुलिस ने अपनी बला टालने के लिये दोनों पक्षों पर शांति भंग की कार्यवाही क्यों कर दी|
- कचहरी जाते समय महिला के साथ मारपीट की सूचना महिला द्वारा डायल 100 पर की गई पुलिस को सूचित करने के बाद महिला ने भाई को फोन करके बुलाया पुलिस ने मदद को पहुँचे महिला के भाई को ही बलि का बकरा क्यों बना दिया|
आखिर पुलिस तो पुलिस ही है|
और ट्वीटर पर अपडेट है-
उपरोक्त प्रकरण में थानाध्यक्ष कोतवाली द्वारा आवश्यक कार्यवाही की गई है|
अगर यूपी पुलिस की नजरों में उपरोक्त प्रकरण जैसे गंभीर मामलों यही उचित और आवश्यक कार्यवाही है तो सलाम है पुलिस की ऐसी कार्य प्रणाली को|
कानपुर(सर्वोत्तम तिवारी)के थाना कोतवाली क्षेत्र में दबंगो द्वारा चकेरी के जाजमऊ की महिला से मारपीट की गई थी| महिला ने डायल 100 पर शिकायत की थी| थानाध्यक्ष कोतवाली ने इस प्रकरण में जो उचित कार्यवाही की है वो किसी को हजम होने वाली नहीं है| थानाध्यक्ष कोतवाली ने महिला के बुलाने पर उसकी मदद को पहुँचे भाई के ऊपर ही और आरोपियों की तरफ से एक निर्दोष व्यक्ति के पर शांति भंग की कार्यवाही की है और पीड़ित महिला के मामले को दबा दिया| जबकि महिला का कहना था कि जिस बन्दे ने हमें बीच चौराहे मारा है वो रात भर थाने में क्यों नही बैठा| आरोपियों की तरफ से किसी अन्य को थाने में बैठाया जाना चकेरी थाना की जाजमऊ चौकी शिव गोदावरी चौकी इंचार्ज देव नारायण द्विवेदी की चाल है|जिस बन्दे को कल कोतवाली में बैठाया गया है उसकी तरफ से कोतवाली थाने पहुंची मुहल्ले की महिलाओं ने पीड़ित महिला से कोतवाली थाने के अंदर मारपीट करने की कोशिश की थी| उनका कहना था निर्दोष को क्यों फँसाया|जबकि पीड़ित महिला का कहना था कि यह बन्दा पुलिस जाजमऊ चौकी इंचार्ज देवनारायण द्विवेदी कहने पर पकड़ कर लायी थी| पीड़ित महिला से महिलायें बार बार ये भी कह रहीं थी कि यह जो आज कोतवाली में बैठा है जानती हो कौन है इसकी रिस्तेदारी या रिलेशन किसी बड़े अधिकारी से हैं| महिलायें बार बार अकेली पीड़ित महिला को धमकी दे रहीं थीं अब पता चलेगा तुझे|
शांति भंग में मुख्य आरोपी जिसने मारपीट की है उसको थाने न लेकर किसी अन्य को थाने लाना और शांति भंग की कार्यवाही करने में आरोपियों से मिले चौकी इंचार्ज जाजमऊ की कोई नई चाल तो नहीं|
सोंचने वाली बात ये है कि आखिर 3 4 से दर दर भटक रही इस महिला के मामले को किसी अधिकारी ने गंभीरता से क्यों नहीं लिया|
- बड़े चौराहे पर मारपीट करने वाले असली आरोपी को कोतवाली पुलिस ने क्यों नहीं बैठाया|
- महिला के पुराने मामले जिसपर आरोपियों ने मारपीट की उसपर ध्यान न देकर कोतवाली पुलिस ने अपनी बला टालने के लिये दोनों पक्षों पर शांति भंग की कार्यवाही क्यों कर दी|
- कचहरी जाते समय महिला के साथ मारपीट की सूचना महिला द्वारा डायल 100 पर की गई पुलिस को सूचित करने के बाद महिला ने भाई को फोन करके बुलाया पुलिस ने मदद को पहुँचे महिला के भाई को ही बलि का बकरा क्यों बना दिया|
आखिर पुलिस तो पुलिस ही है|
और ट्वीटर पर अपडेट है-
उपरोक्त प्रकरण में थानाध्यक्ष कोतवाली द्वारा आवश्यक कार्यवाही की गई है|
अगर यूपी पुलिस की नजरों में उपरोक्त प्रकरण जैसे गंभीर मामलों यही उचित और आवश्यक कार्यवाही है तो सलाम है पुलिस की ऐसी कार्य प्रणाली को|
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