केडीए अवैध निर्माण मामले में नया खेल, जवाब के नाम पर विभागीय जिम्मदारों की "अपनी-अपनी ढपली" "अपना-अपना राग"
कानपुर महानगर में बेसकीमती जमीनों पर जारी हैं चौतरफा अवैध निर्माण
- केडीए अधिकारियों ने ओढ़ा बेशर्मी का चोला, अभी तक कहीं भी नहीं हुई कोई भी कार्यवाही
- हो रहे अवैध निर्माण पर बोलने से कतरा रहे केडीए के जिम्मेदार
- केडीए के जे0ई0 बोले हम नहीं जानते कुछ भी बात करो उच्च अधिकारियों से
- शहर में धड़ाधड़ जारी अवैध निर्माणों का असली चाणक्य कौन????
- दबंग बिल्डरों का खेल, केडीए से नक्सा पास करवाते हैं आवासीय, और निर्माण करते हैं कमर्शियल
कानपुर महानगर(नीरज शर्मा) कानपुर विकास प्राधिकरण की बेसकीमती जमीनों पर दबंग भूमाफियाओं और बिल्डरों का जो अवैध निर्माणों का खेल चल रहा है उसमें केडीए के जिम्मदारों की ही अहम भूमिका नजर आने लगी। शहर में चौतरफा अवैध निर्माणों की शिकायतों के बाद भी कहीं कोई भी कार्यवाही का न होना यही दर्शाता है। अवैध निर्माण कर्ताओं ने केडीए की मिली भगत से जो खेल किये हैं वो किसी से छिपे नहीं हैं। जगह जगह हो रहे मानक के विपरीत निर्माणों पर मीडिया द्वारा जवाब तलब करने पर केडीए के जिम्मेदार अपना अपना राग अलाप रहे हैं। या यूं माने केडीए में अपनी अपनी ढपली, अपना अपना राग वाला खेल चल रहा है।प्राप्त जानकारी के अनुसार रिहायशी क्षेत्र आनंदपुरी में रहने वाले अविनाश चंद्र शुक्ला ने भूखंड संख्या 9 आनंदपुरी पर केडीए से आवासीय नक्सा स्वीकृत करवाया था लेकिन जानकार बताते हैं कि अविनाश चंद्र ने उपरोक्त भूखंड पर केडीए अधिकारियों की सांठ गांठ से कामर्शियल नर्सिंग होम का निर्माण करवा डाला।
इसी तरीके एक और अवैध निर्माण ग्वालटोली क्षेत्र में 12/492 में बिना नक्सा स्वीकृत के धड़ल्ले से जारी है। हो रहे इस अवैध निर्माण की शिकायतकर्ता तारसेन सिंह ने केडीए वीसी से मिलकर कई शिकायतें कीं लेकिन अभी तक विभाग की तरफ से कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। इस बारे में जब जे0ई0 से जानकारी ली गई तो उसने गोल मोल जवाब देते हुये कहा कि कार्यवाही चल रही है।
इसी कड़ी में पहले भी अवैध निर्माणों में खोया बाजार, कुली बाजार, किदवईनगर, हालसी रोड जैसे कई इलाकों में केडीए की बेसकीमती जमीनों पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी हैं।
लेकिन केडीए अपनी थू थू होते देख खाना पूर्ति के लिये सील लगाकर अपना पल्ला झाड़ लेता है और दबंग बिल्डर सील लगने के बाद भी अपने रसूख के चलते काम जारी रखे हुये हैं।
कानपुर विकास प्राधिकरण अपने ऊपर चढ़ने वाली चढ़ौती के कारण चुप्पी साधे रहता है।
कानपुर महानगर में बेसकीमती जमीनों पर जारी हैं चौतरफा अवैध निर्माण
- केडीए अधिकारियों ने ओढ़ा बेशर्मी का चोला, अभी तक कहीं भी नहीं हुई कोई भी कार्यवाही
- हो रहे अवैध निर्माण पर बोलने से कतरा रहे केडीए के जिम्मेदार
- केडीए के जे0ई0 बोले हम नहीं जानते कुछ भी बात करो उच्च अधिकारियों से
- शहर में धड़ाधड़ जारी अवैध निर्माणों का असली चाणक्य कौन????
- दबंग बिल्डरों का खेल, केडीए से नक्सा पास करवाते हैं आवासीय, और निर्माण करते हैं कमर्शियल
कानपुर महानगर(नीरज शर्मा) कानपुर विकास प्राधिकरण की बेसकीमती जमीनों पर दबंग भूमाफियाओं और बिल्डरों का जो अवैध निर्माणों का खेल चल रहा है उसमें केडीए के जिम्मदारों की ही अहम भूमिका नजर आने लगी। शहर में चौतरफा अवैध निर्माणों की शिकायतों के बाद भी कहीं कोई भी कार्यवाही का न होना यही दर्शाता है। अवैध निर्माण कर्ताओं ने केडीए की मिली भगत से जो खेल किये हैं वो किसी से छिपे नहीं हैं। जगह जगह हो रहे मानक के विपरीत निर्माणों पर मीडिया द्वारा जवाब तलब करने पर केडीए के जिम्मेदार अपना अपना राग अलाप रहे हैं। या यूं माने केडीए में अपनी अपनी ढपली, अपना अपना राग वाला खेल चल रहा है।प्राप्त जानकारी के अनुसार रिहायशी क्षेत्र आनंदपुरी में रहने वाले अविनाश चंद्र शुक्ला ने भूखंड संख्या 9 आनंदपुरी पर केडीए से आवासीय नक्सा स्वीकृत करवाया था लेकिन जानकार बताते हैं कि अविनाश चंद्र ने उपरोक्त भूखंड पर केडीए अधिकारियों की सांठ गांठ से कामर्शियल नर्सिंग होम का निर्माण करवा डाला।
इसी तरीके एक और अवैध निर्माण ग्वालटोली क्षेत्र में 12/492 में बिना नक्सा स्वीकृत के धड़ल्ले से जारी है। हो रहे इस अवैध निर्माण की शिकायतकर्ता तारसेन सिंह ने केडीए वीसी से मिलकर कई शिकायतें कीं लेकिन अभी तक विभाग की तरफ से कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। इस बारे में जब जे0ई0 से जानकारी ली गई तो उसने गोल मोल जवाब देते हुये कहा कि कार्यवाही चल रही है।
इसी कड़ी में पहले भी अवैध निर्माणों में खोया बाजार, कुली बाजार, किदवईनगर, हालसी रोड जैसे कई इलाकों में केडीए की बेसकीमती जमीनों पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी हैं।
लेकिन केडीए अपनी थू थू होते देख खाना पूर्ति के लिये सील लगाकर अपना पल्ला झाड़ लेता है और दबंग बिल्डर सील लगने के बाद भी अपने रसूख के चलते काम जारी रखे हुये हैं।
कानपुर विकास प्राधिकरण अपने ऊपर चढ़ने वाली चढ़ौती के कारण चुप्पी साधे रहता है।
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