नई दिल्ली - नागरिकता संशोधन एक्ट पर देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन का प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने संज्ञान लिया है उन्होंने आज एक के बाद एक कई ट्वीट किये और अपनी बात रखी । उन्होंने लोगों से शांति की अपील करते हुये कहा कि नागरिकता कानून पर हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है..समय की जरूरत है कि हम भारत के विकास के लिये और सभी भारतीय विशेषकर गरीब, दलित और हाशिये पर मौजूद लोगों के सशक्तिकरण के लिये साथ मिलकर काम करें..हम निहित स्वार्थ समूहों को हमें विभाजित करने और देश में अशांति पैदा करने की इजाजत नहीं दे सकते..मैं सभी से अपील करता हूँ कि ऐसे वक्त में किसी भी तरह की अफवाह और झूठ से बचें ।
प्रधानमन्त्री ने लिखा "नागरिकता संशोधन एक्ट 2019" संसद के दोनों सदनों के द्वारा पास किया गया है..बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया है..ये एक्ट भारत की प्राचीन संस्कृति जो कि भाईचारा सिखाती है..उसका संदेश देता है ।
अपने संदेश में प्रधानमन्त्री ने लिखा कि मैं भारत के सभी नागरिकों को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि "नागरिकता संशोधन एक्ट" किसी भी धर्म के नागरिक को प्रभावित नहीं करता है..किसी भी भारतीय को इस एक्ट के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है..ये सिर्फ उनके लिये है जिन्होंने बाहर के देश में जुल्म झेला है और भारत के अलावा उनके लिये कोई जगह नहीं है ।
देशवासियों से प्रधानमन्त्री ने अपील करते हुये लिखा कि समय की आवश्यकता है कि आज सभी भारत के विकास में काम करें और गरीब, पिछड़े लोगों को सशक्त करने के लिये एक हों..हम स्वार्थी समूहों को इस प्रकार हमें बाँटने और अशांति पैदा करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं ।
गौरतलब है कि रविवार से नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है..दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने रविवार को कई बसों, बाईकों और सार्वजिक सम्पत्ति में आग लगा दी थी..जिसकी हर जगह निन्दा हो रही है..सोमवार को देश के अलग अलग हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं ।
एजेंसियां ।
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